Life- ज़िंदगी
Gazal, Hindi Poetry, Songs
Friday, April 9, 2021
मंज़िलें कह रहीं हैं ज़रा तुम सुनों...
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फ़ासले बढ़ते गये...
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सोलह श्रृंगार - आईना कह गया, चूड़ियाँ कह गयी...
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