I AM INDIA- मैं ही हिंदुस्तान हूँ।।
मैं दुनिया का रक्षक हूँ, मैं अहंकार का भक्षक हूँ,
मैं सरहद की रक्षा करता , रण बांका वीर जवान हूँ।
मेरा रोम -रोम ये नाद करे, मैं ही हिंदुस्तान हूँ।।
स्वर्ग धरा का मैं ही हूँ, सर्व धर्म सम भाव हूँ मैं।
मैं गंगा की निर्मल धारा, मैं स्वर्ग सुधा का पान हूँ।।
मैं ही हिंदुस्तान हूँ।।
मैं ही हिंदुस्तान हूँ।।
मैं मानव की मानवता हूँ, मैं सभ्यताओं का सार हूँ।।
मैं ही हिंदुस्तान हूँ।।
भूखे पेट की रोटी हूँ मैं, प्यासे कंठ का जल हूँ मैं।
मैं जवान हूँ मैं किसान हूँ, मैं ही खेत-खलिहान हूँ।।
मैं ही हिंदुस्तान हूँ।।
आदर-सत्कार का मर्म हूँ मैं, गीता कर्म का सार हूँ मैं।
रिश्तों की मर्यादा मैं ही, मैं ही नम्र- सुजान हूँ।।
मैं ही हिंदुस्तान हूँ।।
हिम् की ऊंची चोटी हूँ मैं, सागर की गहराई हूँ मैं।
निशा चाँद हूँ दिवस सूर्य हूँ, मैं ही छितिज समान हूँ।।
मैं ही हिंदुस्तान हूँ।।
अजर-अमर अविनासी हूँ मैं, घट-घट का वासी हूँ मैं।
मैं ही हिंदुस्तान हूँ।।
आस हूँ मैं विश्वास हूँ मैं, चर-अचर सभी की श्वाश हूँ मैं।
देवों की गाथा भी हूँ मैं, मैं ही देशभक्ति गुणगान हूँ।।
मैं ही हिंदुस्तान हूँ।।
आस हूँ मैं विश्वास हूँ मैं, चर-अचर सभी की श्वाश हूँ मैं।
देवों की गाथा भी हूँ मैं, मैं ही देशभक्ति गुणगान हूँ।।
मैं ही हिंदुस्तान हूँ।।