Friday, January 24, 2020

New India. नया भारत

New India. . नया भारत


ये वीरों की धरती है,            हम शीश धरा पे ला देंगें।
गर हमसे टकराओगे,      हम नामों निशा मिटा देगें।।

बहित हो चुके हमले अब तक, अब होगी इनकी खैर नहीं,
जो मन में पाले विष देश द्रोह का, होगी उनकी खैर नहीं।
हमें कसम है उन वीरों की,            जिननें जान गवाईं हैं,
जिस दिन टूटा बांध सब्र का ,     बदला तुम्हें दिखा देंगे।।
गर हमसे..............।।

नापाक पाक की हर हरकत का ,  अंजाम हमें बतलाना होगा,
बहुत हो चुकी सहनशीलता, अब सबक इन्हें सिखलाना होगा।
अब हर अफजल को फांसी होगी,       हाफ़िज़ मुँह की खायेगा,
तुम क्या बतलाओगे हम,                लड़ना तुम्हें सिखा देंगें।।
गर हमसे............।।

अब तुम आये तो हम भी,      अब रावलपिंडी तक जायेंगे,
कश्मीर हमारा क्या लोगे,       हम लाहौर जीतकर लाएंगे।
सीमाओं से दूर हटो अब,           सीमायें बढ़ भी सकती हैं,
पग बढ़े पाक में तो इसको,        भारत का भाग बना देंगें।।
गर हमसे................।।
ये वीरों की धरती है,               हम शीश धरा पे ला देंगें।
गर हमसे टकराओगे,          हम नामों निशा मिटा देगें।।


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Wednesday, January 22, 2020

I am India - मैं ही हिंदुस्तान हूँ।

I AM INDIA- मैं ही हिंदुस्तान हूँ।।

मैं दुनिया का रक्षक हूँ, मैं अहंकार का भक्षक हूँ,
       मैं सरहद की रक्षा करता , रण बांका वीर जवान हूँ।
मैं गीता हूँ, मैं कुरान हूँ, मैं सब धर्मों का सार हूँ।।
            मेरा रोम -रोम ये नाद करे, मैं ही हिंदुस्तान हूँ।।

स्वर्ग धरा  का    मैं    ही   हूँ,     सर्व धर्म सम भाव हूँ मैं।
मैं गंगा की    निर्मल धारा,      मैं स्वर्ग सुधा का पान हूँ।।
                                                 मैं ही हिंदुस्तान हूँ।।

धर्म- शास्त्र का ज्ञान हूँ मैं,          वेद पुराण का सार हूँ मैं।
मैं ज्ञान कला का उद्गम स्थल, मैं धरती पर स्वर्ग समान हूँ।।
                                                   मैं ही हिंदुस्तान हूँ।।

नारी का श्रृंगार हूँ मैं,        पुरूषों का कर्म विधान हूँ मैं।
मैं मानव की मानवता हूँ,       मैं सभ्यताओं का सार हूँ।।
                                                 मैं ही हिंदुस्तान हूँ।।

भूखे पेट की रोटी हूँ मैं,        प्यासे कंठ का जल हूँ मैं।
मैं जवान हूँ मैं किसान हूँ,       मैं ही खेत-खलिहान हूँ।।
                                               मैं ही हिंदुस्तान हूँ।।

आदर-सत्कार का मर्म हूँ मैं,  गीता कर्म का सार हूँ मैं।
रिश्तों की मर्यादा मैं ही,            मैं ही नम्र- सुजान हूँ।।
                                               मैं ही हिंदुस्तान हूँ।।

हिम् की ऊंची चोटी हूँ मैं,       सागर की गहराई हूँ मैं।
निशा चाँद हूँ दिवस सूर्य हूँ,    मैं ही छितिज समान हूँ।।
                                               मैं ही हिंदुस्तान हूँ।।

अजर-अमर अविनासी हूँ मैं, घट-घट का वासी हूँ मैं।
मैं राम हूँ      मैं कृष्ण हूँ,          मैं ही भरत महान हूँ।।
                                              मैं ही हिंदुस्तान हूँ।।

आस हूँ मैं विश्वास हूँ मैं, चर-अचर सभी की श्वाश हूँ मैं।
देवों की गाथा भी हूँ मैं,     मैं ही देशभक्ति गुणगान हूँ।।
                                            मैं ही हिंदुस्तान हूँ।।


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Tuesday, January 21, 2020

NEW WAY - नई राह

NEW WAY - नई राह

जरूरतों पे नज़र डाल नहीं , ख़्वाहिशों में उलझ जाएगा।
उलझनों से निकल पार नहीं,        गम में बिखर जाएगा।।
जरूरतों पे.................।।

हर एक चीज़ मिले सबको,         ये तो मुमकिन ही नहीं,
फूल खिल जायें काँटों के बिना,   ये तो मुमकिन ही नहीं।
ख़ुशियों की चमक नूर सलामत,     जो रखे गम में अगर,
अंधेरे रास्ते भी तेरे,        नूर-ए- पूनम सा निखर जाएगा।।
जरूरतों पे..................।।

जो तेरे  पास है  कितनों की,     ख़्वाहिशों   में   रहा होगा,
तेरी ख़्वाशियों में शुमार औरों की, फरमाइशों में रहा होगा।
परेसां   न हो    जो है,         उसी में   मौज़ से   रह गालिब,
कोशिशों में   सब्र  रख,     तू भी  मुनासिब   शिखर पायेगा।।
जरूरतों पे..................।।

खामियां ही   इंसान को,      सीखने का   हुनर    देती हैं,
जो हासिल।  न हो   वो कमी,        पानें का हुनर देती हैं।
डूबने का डर न होता अगर, तो तैरने की गुंजाइश न होती,
पग  पथ पर   बढ़ा के देख,    साहिल का   शिखर पायेगा।।
जरूरतों पे .................।।
उलझनों से   निकल पार  नहीं,   गम में   बिखर  जाएगा।।



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Monday, January 20, 2020

HUMAN इंसान

HUMAN.   इंसान

ये इंसा जमीं पे होता है तो आसमाँ चाहता है।
                                     सितारों में आकर जमीं तलाशता है।।
रिश्तों में उलझता है तो चाहता परिंदों सी आजादी
                                टूट जायें ये बंदिशें तो रिश्ते तलाशता है।।
अपनीं खुशियों के लिये कितनों को ग़मगीन किया होगा।
              गम के आग़ोश में खुद आये तो फ़रिश्ता तलाशता है।।
जो बिखेरें हैं गम तूने वो कभी तुझ तक भी आयेंगें।
                बिरला ही होगा जो अपनें भीतर खुशी तलाशता है।।
मशीनों के साये में पलने वाले कभी जज्बात की कदर कर।
           जब खुद बेबस हुआ जख्मों से तो रहनुमा तलाशता है।।
वक़्त अच्छा हो तो खुदा से भी ख़ुदाई कर ले।
                   ठोकरें लग जाये तो खुदा का रास्ता तलाशता है।।
मय के आगोश में मैं में मदहोश होने वाले।
                   खुमारी उतर जाये तो घर का रास्ता तलाशता है।।
इंसान है इंसानियत से पतित होकर मदहोश न होना।
                          ये खुदा भी इंसानों में फरिस्ता तलाशता है।।
पाक नीयत नेकदिल रहनुमा बनकर तो देख जरा।
       मुक़द्दर भी खुशियां परोसने वाले का मुकाम तलाशता है।।



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Saturday, January 18, 2020

Word लफ्ज़

लफ्ज़      WORD


कुछ लफ्ज़ तलाशे थे  किताबे ज़िन्दगी से ,
मगर  ये    इत्तफाक  की    बेहतरीन मिले।
अपनों की  तलाश में    गैर  मिलें  हैं मुझे,
कुछ गैंरों में भी मुझे अपनें बेहतरीन मिले।।
कुछ लफ्ज़.........!!

वो दौर और था जब     वफ़ाएँ आम होती थी,
सजदा थी निगाहों में     तड़प आम  होती थी।
काम आती थी दुआ जो दिल से निकली होगी,
शोखे सजदा  में हमें       सौखे  तरीन    मिलें।।
कुछ लफ्ज़........!!

साने ग़ज़ल गुनगुनाता  शवाबे दौर जवानी के,
आईनें भी बताते थे वो     दौर- ए-  रवानी के।
जवानी के जवां ख्वाब सजते थे फ़िज़ाओं में,
कुछ टूटे हुए घाव वो, दिल के  बेहतरीन मिले।।
कुछ लफ्ज़.......!!

हम वो अल्फ़ाज़ नहीं  जिसके मायनें बदल जायें,
हम वो जज़्बात नहीं   जिसके कायदे बदल जायें।
इरादे  बदल  जायें वफ़ा के       हम वो इश्क़ नहीं,
रग-रग में जुनून-ए-इश्क़ के  घाव ताज़ा तरीन मिले।।
कुछ लफ्ज़...........!!


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Wednesday, January 15, 2020

Truth सच


Truth.  सच



राह के हर पत्थर को खुदा बना दू मुमकिन नही,
                          मुझे तो ठोकरों से संभलना पड़ता है।।
जिन्दगी में हर पल नये इम्तिहान होते हैं,
                          जिनमें हर लम्हों को गुजरना पड़ता है।
 कौन कहता है कि दुनिया मे कोई गैर नहीं,
                          मदद की आस में गैरत से गुजरना पड़ता है।।
खुशी बांटो तो अपनी, गम बांटों तो पराई है दुनिया,
                           हीरों की गली में कांच के पैबंद पे चलना पड़ता है।।
ये दस्तूर-ए-गैरत है अजब इस दुनिया का यारो,
                          अपना बनकर गैरों के शहर रहना पड़ता है।।
हम में दम है तो कदम चूमती दुनिया,
                            शोखे कलियों को भी शूलों की कैद पे रहना पड़ता है।।
पलटकर आएगा खुद के जख्म के खातिर,
                            सुना था आसमाँ में छेद को पत्थर उछालना पड़ता है।।


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Monday, January 13, 2020

सिर्फ तुम। ONLY YOU

सिर्फ तुम


तुम्हें पता है मेरी वफ़ा का मान तुम हो ।
तुम ही प्यार मेरा दिल-ए-अरमान तुम हो ।।
तुम ही धड़कन में बसी जिंदगी मेरी।
मेरे ख्यालों का आसमान तुम हो ।।
मेरी नज़रों की शोखे तलाश हो तुम।
मेरे दिल के दिल-ए- मेजबान तुम हो।।
फिजा में घुली महक है अदा तेरी।
सुरूर तुम ही वादियों की शान तुम हो।।
मेरी रूह-ए-नज़र की तलाश हो तुम।
मेरी मंज़िल तुम्ही मोहब्बत की जान तुम हो।।
चकोर-ए-दिल की स्वाति की बूंद हो तुम।
दुवाओं का असर तुम ही इबादत का मान तुम हो।।
तेरे बगैर कोई मोल नही साँसों का मेरी।
सच कहूं तो मेरी जिंदगी का बै आन तुम हो।।
तू नही तो वीरान है दुनिया मेरी।
तू ही धरती मेरी मोहब्बत की आसमान तुम हो।।


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