Saturday, January 18, 2020

Word लफ्ज़

लफ्ज़      WORD


कुछ लफ्ज़ तलाशे थे  किताबे ज़िन्दगी से ,
मगर  ये    इत्तफाक  की    बेहतरीन मिले।
अपनों की  तलाश में    गैर  मिलें  हैं मुझे,
कुछ गैंरों में भी मुझे अपनें बेहतरीन मिले।।
कुछ लफ्ज़.........!!

वो दौर और था जब     वफ़ाएँ आम होती थी,
सजदा थी निगाहों में     तड़प आम  होती थी।
काम आती थी दुआ जो दिल से निकली होगी,
शोखे सजदा  में हमें       सौखे  तरीन    मिलें।।
कुछ लफ्ज़........!!

साने ग़ज़ल गुनगुनाता  शवाबे दौर जवानी के,
आईनें भी बताते थे वो     दौर- ए-  रवानी के।
जवानी के जवां ख्वाब सजते थे फ़िज़ाओं में,
कुछ टूटे हुए घाव वो, दिल के  बेहतरीन मिले।।
कुछ लफ्ज़.......!!

हम वो अल्फ़ाज़ नहीं  जिसके मायनें बदल जायें,
हम वो जज़्बात नहीं   जिसके कायदे बदल जायें।
इरादे  बदल  जायें वफ़ा के       हम वो इश्क़ नहीं,
रग-रग में जुनून-ए-इश्क़ के  घाव ताज़ा तरीन मिले।।
कुछ लफ्ज़...........!!


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