NEW WAY - नई राह
जरूरतों पे नज़र डाल नहीं , ख़्वाहिशों में उलझ जाएगा।
उलझनों से निकल पार नहीं, गम में बिखर जाएगा।।
जरूरतों पे.................।।
हर एक चीज़ मिले सबको, ये तो मुमकिन ही नहीं,
फूल खिल जायें काँटों के बिना, ये तो मुमकिन ही नहीं।
ख़ुशियों की चमक नूर सलामत, जो रखे गम में अगर,
अंधेरे रास्ते भी तेरे, नूर-ए- पूनम सा निखर जाएगा।।
जरूरतों पे..................।।
जो तेरे पास है कितनों की, ख़्वाहिशों में रहा होगा,
तेरी ख़्वाशियों में शुमार औरों की, फरमाइशों में रहा होगा।
परेसां न हो जो है, उसी में मौज़ से रह गालिब,
कोशिशों में सब्र रख, तू भी मुनासिब शिखर पायेगा।।
जरूरतों पे..................।।
खामियां ही इंसान को, सीखने का हुनर देती हैं,
जो हासिल। न हो वो कमी, पानें का हुनर देती हैं।
डूबने का डर न होता अगर, तो तैरने की गुंजाइश न होती,
पग पथ पर बढ़ा के देख, साहिल का शिखर पायेगा।।
जरूरतों पे .................।।
उलझनों से निकल पार नहीं, गम में बिखर जाएगा।।
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